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गुप्त काल की कला और वास्तुकला क्या है? art and culture 2022

गुप्त काल की कला और वास्तुकला क्या है?


  • गुप्त साम्राज्य को चौथी शताब्दी ईस्वी को भारत स्वर्णिम युग कहा जाता है।
  • शुरुआत के गुप्त शासक बौद्ध थे। और उन्होंने अपनी बौद्ध वास्तुकला को जारी रखा।
  • कुछ समय बाद मंदिरों की वास्तुकला उतरवर्ती गुप्त काल में हिंदू शासकों के संरक्षण में विकसित हुआ।
  • इस प्रकार बौद्ध और जैन दोनों धर्म ही इस काल में ऊंचाइयों पर पहुंची।
  • उत्तर गुप्त शासक ब्राह्मण होने के बाद भी अन्य धर्मों के लिए बहुत सारे कार्य किए।
  • इस समय में मुख्य तीन देव की पूजा की जाती थी जिसमें उत्तरी और मध्य भाग में विष्णु की दक्षिण भाग में शिव की और भारत के पूर्वी भाग के साथ मालाबार संबंधित तक में शक्ति की पूजा होती थी।

गुप्त वास्तुकला :-

गुप्त वास्तुकला में मुख्यता गुप्त काल की गुफाएं ,स्तूप और मंदिरों के बारे में वर्णन है।

गुफाएं :-

  • गुप्त काल के समय में गुफाओं का लगातार विकास होता रहा।
  • इसी के साथ साथ गुफाओं की दीवार पर भित्ति चित्रों का प्रयोग एकत्रित विशेषता हो गई थी।
  • इसके उदाहरण स्वरूप एलोरा की गुफाएं और अजंता की गुफाएं हैं

अजंता की गुफा: -

  • अजंता की गुफा को महाराष्ट्र में औरंगाबाद के निकट वघोरा नदी के किनारे सहयाद्री पर्वतमाला पर चट्टानों को काटकर गुफा की एक श्रंखला तैयार की गई है।
  • इन गुफाओं का निर्माण लगभग 200 ईसा पूर्व से 650 ईसवी के बीच हुआ था।
  • इसके अंतर्गत 29 गुफाएं हैं। 29 गुफाओं में से 25 बिहार और चार को चैत के रूप में प्रयोग किया जाता था।
  • अजंता की गुफाओं को बौद्ध भिक्षु द्वारा वाकाटक राजाओं के संरक्षण में चित्रित किया गया था।
  • इन गुफाओं में बनाए गए चित्र को फ्रेस्को चित्रकारी तकनीक द्वारा बनाया जाता था।
  • इन चित्रों के लिए रंग को स्थानीय वनस्पति और खनिजों के द्वारा प्राप्त किया जाता था।
  • चित्रकारी करते समय सारी रूपरेखा लाल रंग से बनाई गई थी
  • इस के आंतरिक भाग में हरा रंग भरा गया था लेकिन इसमें नीले रंग की उपस्थिति नहीं थी
  • अजंता गुफा की चित्रकारी सामान्यता बौद्धवाद आधारित थी।
  • इन गुफाओं में बुद्ध के जीवन और उनकी जातक कथाओं को चित्रित किया गया है।
  • 29 गुफाओं में से 5 को बौद्ध धर्म की हीनयान अवस्था के दौरान और 24 गुफाओं को महायान अवस्था के दौरान निर्मित किया गया था।

एलोरा की गुफाएं: -

  • एलोरा की गुफा अजंता की गुफा से लगभग 100 km दूर स्थित है। 
  • एलोरा की गुफाओं में 34 गुफा का समूह है जिसमें से 17 गुफा ब्राह्मणी शैली की और 12 बौद्ध शैली की और शेष पांच जैन शैली की है। 
  • विदर्भ कर्नाटक और तमिलनाडु के विभिन्न शिल्प संघ द्वारा 5 से 11वीं शताब्दी ईस्वी में इन समूहों का निर्माण हुआ था।
  • राष्ट्रकूट राजवंशी द्वारा हिंदू तथा बौद्ध गुफाओं का निर्माण कराया गया था 
  • जबकि यादव राजवंशों द्वारा जैन गुफाओं का निर्माण कराया गया था। 
  • गुफा नंबर 10 विश्वकर्मा गुफा,गुफा संख्या 11 रावण की खाई,गुफा संख्या 15 दशावतार मंदिर,गुफा संख्या 16 कैलाश मंदिर है। 
  • कैलाश मंदिर को मूर्ति कला की महान कृतियों में से एक माना जाता है 
  • यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है 
  • इसे राष्ट्रकूट राजा कृष्ण- प्रथम द्वारा निर्मित कराया गया था। 
  • इसको केवल एक चट्टानों को काटकर बनाया गया है।
गुप्त काल के दौरान इन गुफाओं के अतिरिक्त निम्न गुफाएं भी बनाई गई थी जैसे कि
  • बाघ की गुफाएं
  • जूनागढ़ की गुफाएं
  • मंडपेशेवर की गुफाएं
  • उदयगिरि की गुफाएं(मध्य प्रदेश की)

स्तूप :-

  • गुप्त काल के समय में स्तूपो का निर्माण कम हो गया। 
  • लेकिन बनारस के पास सारनाथ का धमेख स्तूप इस काल में विकसित स्तूप का एक अच्छा उदाहरण है। यह एक ऐसे स्थान को प्रदर्शित करता है जहां बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।

गुप्त काल की मूर्तिया: -

  • इस काल के दौरान सारनाथ क्षेत्र में मूर्तिकला की एक नई शैली विकसित हुई। 
  • इस शैली की विशेषता या थी की यह क्रीम रंग के बलुआ पत्थर तथा धातु का प्रयोग करके बनाया गया था।
  •  इस शैली की मूर्तियां पूर्ण रूप से वस्त्र पहने हुए होती थी और इनमें किसी प्रकार की नग्नता नहीं थी। 
  • बुध के सिर के चारों तरफ आभा मंडल निर्माण किया गया था जो काफी अलंकृत होता था।

उदाहरण :- सुल्तानगंज बुध कि 7.5 फीट की ऊंचाई वाली मूर्ति जो कि बिहार में स्थित है और तांबे से बनी है।


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