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भारतीय संविधान सभा की मांग और संरचना कैसी थी ? जानिए सभी पहलू को upsc 2022 और 2023 के लिए |

भारतीय संविधान सभा की मांग और संरचना कैसी थी ?(What was the demand and structure of the Indian Constituent Assembly?)

आइए एक एक कर विस्तार से जानकारी देते है आपको इस टॉपिक पर ,पूरा ब्लॉग पढ़िए अच्छे से समझ आएगा।

भारतीय संविधान सभा की मांग (Constituent Assembly demand) क्या थी? जानिए सभी पहलू को।


  • भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन के अग्रणी। M.N.Rov ने भारत के लिए संविधान सभा का विचार पहली बार 1934 में दिया। 1935 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने पहली बार आधिकारिक( official) तौर पर भारत के संविधान को तैयार करने के लिए एक संविधान सभा की मांग की।
  • 1938 में INC की और से जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र ने घोषणा की कि भारत का संविधान बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के वयस्क मताधिकार(adult suffrage) के आधार पर निर्वाचित एक संविधान सभा द्वारा तैयार किया जाना चाहिए। 'इस मांग को अंततः 1940 के 'अगस्त प्रस्ताव' के रूप में जाना जाता है, ब्रिटिश सरकार द्वारा सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया था। 1942 में सर स्टैफोर्ड क्रिप्स कैबिनेट के एक सदस्य, मंत्रिमंडल के एक सदस्य के साथ भारत आए। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अपनाए जाने वाले स्वतंत्र संविधान के निर्माण पर ब्रिटिश सरकार का मसौदा प्रस्ताताव(draft resolution) लाए थे।
  •  क्रिप्स के प्रस्तावों को मुस्लिम लीग ने खारिज कर दिया,जो चाहती थी कि भारत को दो अलग-अलग संविधान सभाओं के साथ दो स्वायत्त (autonomous) राज्यों में विभाजित किया जाए। अंत में एक कैबिनेट मिशन को भारत भेजा गया। जबकि इसने दो संविधान सभाओं के विचार को खारिज कर दिया,इसने संविधान सभा के लिए एक योजना प्रस्तुत की जिससे मुस्लिम लीग कमोबेश (more or less) संतुष्ट हुई।

भारतीय संविधान सभा की संरचना (Composition of the Constituent Assembly) कैसी थी?

कैबिनेट मिशन (cabinet mission) योजना द्वारा तैयार की गई योजना के तहत नवंबर 1946 में संविधान सभा का गठन (Formation of the Constituent Assembly) किया गया था। इस योजना की विशेषताएं थीं:
  •  संविधान सभा की कुल संख्या (Total number of Constituent Assembly) 389 होनी थी। इनमें से 296 सीटें ब्रिटिश भारत और 93 सीटें रियासतों (princely states) को आवंटित की जानी थीं।
  •  ब्रिटिश भारत को आवंटित 296 सीटों में से 292 सदस्य 11 गवर्नर प्रांतों (Governor's Provinces) और चार मुख्य आयुक्तों के प्रांतों से लिए जाने थे।
  • हर एक प्रांत और रियासतों को उनकी संबंधित आबादी के अनुपात में सीटें आवंटित(allotted) की जानी थीं। यानी प्रति दस लाख की आबादी (population) के लिए एक सीट आवंटित की जानी थी। 
  •   प्रत्येक ब्रिटिश प्रांत को आवंटित सीटों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में तीन प्रमुख समुदायों-मुस्लिम सिख और जनरल के बीच विभाजित किया जाना था। 
  •  प्रत्येक समुदाय के प्रतिनिधियों (representatives) को उस समुदाय के सदस्यों द्वारा प्रांतीय विधान सभा में चुना जाना था और मतदान एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व (proportional representation) की विधि द्वारा किया जाना था। 
  • रियासतों के प्रतिनिधियों को रियासतों के प्रमुखों द्वारा मनोनीत (Nominated) किया जाना था।
इस प्रकार यह स्पष्ट है कि संविधान सभा को आंशिक रूप से निर्वाचित और आंशिक रूप से मनोनीत निकाय होना था। इसके अलावा सदस्यों को अप्रत्यक्ष रूप से प्रांतीय व्यवस्थापीकाओ (provincial administrators)द्वारा चुना जाना था,जो स्वयं एक सीमित मताधिकार पर चुने गए थे। संविधान सभा के चुनाव जुलाई-अगस्त 1946 में हुए थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 208 सीटें जीतीं, मुस्लिम लीग (Muslim League) ने 73 सीटें और छोटे समूहों और निर्दलीय को शेष 15 सीटें मिलीं। हालाँकि, रियासतों को आवंटित 93 सीटें नहीं भरी गईं क्योंकि उन्होंने संविधान सभा से दूर रहने का फैसला किया। यद्यपि संविधान सभा वयस्क मताधिकार (assembly adult suffrage) के आधार पर भारत के लोगों द्वारा सीधे नहीं चुनी गई थी लेकिन सभा में भारतीय समाज के सभी वर्गों- हिंदू,मुस्लिम,सिख,पारसी,एंग्लो-इंडियन,भारतीय ईसाई,अनुसूचित जाति (scheduled caste), अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधि शामिल थे। जिसमें इन सभी वर्गों की महिलाएं भी शामिल हैं। सभा में महात्मा गांधी को छोड़कर उस समय भारत की सभी महत्वपूर्ण हस्तियां (Celebrities) शामिल थीं।

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