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सिंधु घाटी सभ्यता की नगरीय योजना और संस्कृति ने किस सीमा तक वर्तमान युगीन नगरीकरण को निवेश प्रदान किए हैं? चर्चा कीजिए? (150शब्द )10 अंक

सामान्य अध्ययन मुख्य परीक्षा 2014 प्रश्न पत्र 1



सिंधु घाटी सभ्यता की नगरीय योजना और संस्कृति ने किस सीमा तक वर्तमान युगीन नगरीकरण को निवेश प्रदान किए हैं? चर्चा कीजिए? (150शब्द )10 अंक.
वर्तमान समय के भारत में प्रचलित नगर नियोजन की प्रक्रिया तकनीकी उन्नत और धार्मिक सामाजिक क्रियाकलाप आदि के विश्लेषण से ऐसा प्रतीत होता है कि यह सभी लक्षण किसी न किसी प्रकार सिंधु घाटी सभ्यता में उपलब्ध थे जो उनके निवेश को दर्शाते हैं।
सिंधु घाटी सभ्यता से प्राप्त सड़कों की वह ग्रेड प्रणाली जो, जहां सड़के एक दूसरे को समकोण पर काटती थी। जल निकासी प्रणाली की उचित व्यवस्था,मकान को बनाने के लिए पक्की ईंटों का प्रयोग,सुरक्षा की दृष्टि से ढकी हुई नालियां एवं उनमें बने मेन हॉल सड़कों के बगल में कूड़े को एकत्र करने की उचित व्यवस्था, घरों में स्नान के लिए स्नानागार इत्यादि उपलब्धता वर्तमान नगरों में भी दिखाई पड़ते हैं। वर्तमान नगर के घरों में शौचालय,रसोईघर,बालकनिया,व्यवस्थित आवासीय भवन आदि सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषता को दर्शाता है। जिस प्रकार सिंधु घाटी सभ्यता के नगरों में राष्ट्रीय और विदेशी व्यापार, बंदरगाह मनके बनाने के कारखाने,सेलखड़ी की मोहरे इत्यादि अवशेष प्राप्त हुए हैं उसी तरह वर्तमान में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार ,बंदरगाह विशेष क्षेत्र में अवस्थित कारखाने इत्यादि नगरों की विशेषताएं हैं सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख नगर व्यापारिक मार्गों पर अवस्थित थे। ऐसी प्रवृत्ति आज भी विद्यमान है। वर्तमान की तरह सिंधु घाटी सभ्यता के नगरों में भी कृषि की व्यवस्था और खाद्यान्न को रखने के लिए अंडाकार की व्यवस्था उचित ढंग से की गई थी जिनमें वायु प्रवेश की व्यवस्था होती थी सिंधु घाटी सभ्यता की नगरी आवास के वर्ग विभेद पर लक्षित होता है जो आज भी नगरिया आवासों की प्रमुख विशेषता है।
सिंधु घाटी सभ्यता के लोग पूजा आराधना में विश्वास करते थे और यह लोग पशुपति शिव मातृ देवी प्राकृति आदि की पूजा करते थे। जो कि आज के भारतीय समाज में भी देखने को मिलता है इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वर्तमान नगरीकरण में सिंधु घाटी सभ्यता के निवेश के काफी लक्षण विद्यमान हैं।


कला और संस्कृति में अच्छा उत्तर कैसे लिखें यह प्रश्न बहुत ही बच्चों का सवाल होता है तो आइए जानते हैं इसका जवाब क्या है।


अगर आप भी यूपीएससी में एक अच्छी रैंक लाना चाहते हैं तो आपको हर विषय में बैलेंस जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि अगर आप किसी विषय की अधिक जानकारी रखते हैं और किसी के बस नाम मात्र जानकारी रखते हैं तो आपको इसका बुरा परिणाम भुगतने को मिल सकता है। यूपीएससी एक ऐसी परीक्षा कराती है जिसमें आपके सभी विषयों का समान परीक्षण होता है ना कि किसी एक विषय में आपको महारत हासिल करने को कहता है इसीलिए आप सभी को मेरी सलाह होगी अगर आप एक अच्छा उत्तर लिखना चाहते हैं तो आप सभी विषय में समान रुचि बनाए रहे जिस विषय में आपको रुचि नहीं है उसे बार-बार पढ़ें।
हम बात करते हैं की कला और संस्कृति में अच्छा उत्तर कैसे लिखें कला और संस्कृति सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र प्रथम का एक भाग है इसमें अच्छा उत्तर लिखने के लिए हर विद्यार्थी को कला और संस्कृति को इतिहास के साथ जोड़कर उत्तर लिखना चाहिए जिससे परीक्षक को लगता है की विद्यार्थी के पास एक बेहतर जानकारी है। और जब कभी उत्तर को लिखें तो अनावश्यक तथ्यों को रखने की कोई आवश्यकता नहीं है प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर जो पूछा जाए उसका सीमा पद शब्दों में उत्तर देना उचित होता है।





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